जब भी हम जीवन में कभी अफ्रीका के इतिहास की बात करेंगे तुम नेल्सन मंडेला का नाम सबसे पहले लिया जाएगा। नेल्सन मंडेला को अफ्रीका के गांधी के रूप में जाना जाता है। नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में हुआ था।
वह एक गरीब घर से ताल्लुक रखते थे मगर अंग्रेजों के अत्याचार को समझने और दक्षिण अफ्रीका को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए उन्होंने सबसे बड़ा आंदोलन चलाया था। नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे। अगर आप नेल्सन मंडेला जीवन जानना चाहते है और इस महापुरुष के पूजनीय होने के कारण को समझना चाहते हैं तो हमारे साथ इस लेख के अंत तक बने रहे।
आजादी के अलावा नेल्सन मंडेला ने अफ्रीका में सदियों से चल रहा है रंगभेद के खिलाफ भी आंदोलन किया था। अपने देश में रंगभेद को रोकने के लिए उन्होंने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस को गठित किया था और इसके साथ उमखोंतो वे सिजवे गुट को गठित किया था।
Contents
Nelson Mandela Bio in Hindi
नाम | Nelson Mandela |
उपनाम | मदीबा |
जन्म स्थान | Eastern Cape Town South Africa |
जन्म तिथि | 18 जुलाई 1918 |
देश | दक्षिण अफ्रीका |
कार्य | दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता |
प्रचलित होने का कारण | सबसे बड़ा आजादी का आंदोलन चलाना और दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति |
सम्मान | विश्व शांति नोबेल पुरस्कार और भारत रत्न |
मृत्यु | 5 दिसंबर 2013 |
नेल्सन मंडेला कौन थे?
नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के क्रांतिकारी और रंगभेद के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले राजनेता थे। नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका का गांधी कहा जाता है उन्होंने अहिंसा के दम पर दक्षिण अफ्रीका को आजाद करवाया और दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने थे।
नेल्सन मंडेला ने अपने जीवन के 20 वर्ष से अधिक छोटी सी जेल में बिताया था। उनके आंदोलन के लिए अंग्रेजों ने उन्हें बहुत बुरी सजा दी थी जिसके बाद भी नेल्सन मंडेला के आवाज को दक्षिण अफ्रीका में बंद नहीं किया जा सका। नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका की प्रथम राजनीतिक पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के जरिए देश को गणतंत्र किया था। इसके अलावा उमखोंतो वे सिजवे गुट को अफ्रीका में सदियों से चले आ रहे रंगभेद को बंद करने के लिए शुरू किया था। नेल्सन मंडेला को उनके बेहतरीन कार्य के लिए विश्व नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
नेल्सन मंडेला का प्रारंभिक जीवन
नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के ईस्टर्न केप टाउन में हुआ था। नेल्सन मंडेला का जन्म गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और उनकी माता नेक्यूफी नोसकेनी के यहां हुआ था। मंडेला के पिता मवेजो कस्बे के सरदार थे, और मंडेला की माता उनकी तीसरी पत्नी थी अपने सभी 13 भाई बहनों में मंडेला तीसरे स्थान पर आते थे।
असल में उनका नाम नेल्सन था दक्षिण अफ्रीका के जनजातीय कस्बों में सरदार के बेटे को मंडेला कहा जाता है जिस वजह से उनका उपनाम उन्हें विरासत में मिला था। उनके पिता ने उन्हें रोलिह्लाला नाम दिया था, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा क्लार्क बेरी मिशन स्कूल से पूरा किया था। मंडेला जब 12वीं कक्षा में थे तो उनके पिता के मृत्यु हो गई थी और उसके बाद अपने घर को संभालने की जिम्मेदारी नेल्सन मंडेला पर आ गई थी।
नेल्सन मंडेला का राजनीतिक करियर
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नेलसन मंडेला 1941 में जोहांसबर्ग शहर गए थे, जहां उनकी मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई जिन्होंने एक राजनीतिज्ञ के रूप में इन्हें बहुत प्रभावित किया। अपना जीवन यापन चलाने के लिए उन्होंने वहां एक कानूनी फर्म में कलर की नौकरी हासिल की थी। मगर वहां रंगभेद को देखकर उन्हें बहुत बुरा लगता था जिस समय उन्होंने यह सोचा था कि देश रंगभेद जैसी प्रथा को खत्म करने के लिए राजनीति में जाना जरूरी है।
इसी के साथ उन्होंने कुछ राजनीतिज्ञों के साथ है जान पहचान शुरू की और 1944 में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुए। वहां उन्होंने रंगभेद के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन चलाया जिसमें इनके साथ बहुत सारे लोग खड़े हुए जिसके बाद अपने सभी सहयोगियों और मित्रों के साथ मिलकर इन्होंने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की थी। 1947 में वह नेशनल कांग्रेस के मुख्य अध्यक्ष चुने गए उसके बाद उनकी यूथ लीग ने बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया 1961 में उनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया मगर उसमें उन्हें निर्दोष पाया गया था।
अंग्रेज अफ्रीका के मजदूरों पर बहुत अत्याचार करते थे जिसे देखकर 5 जुलाई 1962 को एक बड़े पैमाने पर आंदोलन के लिए नेलसन मंडेला ने सभी मजदूरों को खड़ा किया। हालांकि आंदोलन के बीच में ही उन्हें किसी काम से देश छोड़कर जाना पड़ा जिसके बाद देश में इस आंदोलन को जबरदस्ती बंद करवा दिया गया और नेल्सन मंडेला पर मजदूरों को भड़काने और बिना अनुमति देश छोड़कर जाने के आरोप में 12 जुलाई 1964 को उम्र कैद की सजा सुना दी गई। इस सजा में उनका मनोबल जरा भी कम नहीं हुआ है वह अन्य और अश्वेत स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर जेल में अपना आंदोलन शुरू किया। जिसके बाद उन्हें बाकी लोगों से काटकर रॉबेन द्वीप पर 27 साल के लिए बंद कर दिया गया।
अपने जीवन को 27 वर्ष जेल में बिताने के बाद 11 फरवरी 1990 को उनकी रिहाई हुई। उस वक्त दक्षिण अफ्रीका आजाद हो चुका था और गणतंत्र की राह पर बढ़ चला था 1994 में दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपति का चुनाव हुआ जिसमें नेल्सन मंडेला ने 62% वोट हासिल किया और दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में चुने गए। 1996 में उन्होंने अलग-अलग योजनाओं से देश का नेतृत्व किया और 1997 में अपने पद से हटे। इसके बाद 1999 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका कांग्रेस लीग को छोड़ दिया और राजनीति से संयास ले लिया।
नेल्सन मंडेला से जुड़े रोचक तथ्य
- नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका के लोग राष्ट्रपिता के रूप में देखते है। उन्हें लोकतंत्र के प्रथम संस्थापक और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय मुक्तिकर्ता के रूप में देखा जाता है।
- नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे।
- नवंबर 2009 में नेल्सन मंडेला को संयुक्त राष्ट्र सभा की तरफ से उनके जन्मदिन को दक्षिण अफ्रीका में मंडेला दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की गई। इस दिन नेल्सन मंडेला 67 वर्ष के हुए थे इस वजह से 24 घंटे में से 67 मिनट किसी दूसरे की मदद करने की परंपरा शुरू की गई।
- 1993 में नेल्सन मंडेला को नोबेल विश्व शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- 23 जुलाई 2008 को उन्हें गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- पाकिस्तान के सबसे बड़े सम्मान निशा ए पाकिस्तान और भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है।
- इसके अलावा नेल्सन मंडेला को विश्व के अलग-अलग देश और संस्थानों की तरफ से 250 से अधिक पुरस्कार दिए गए है।
नेल्सन मंडेला का जन्म कब हुआ था?
नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को ईस्टर्न केप टाउन दक्षिण अफ्रीका में हुआ था।
नेल्सन मंडेला के पिता कौन थे?
नेल्सन मंडेला के पिता का नाम हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा था, वह दक्षिण अफ्रीका के एक प्रांत के कबीले के मुखिया थे।
नेल्सन मंडेला को क्या सजा दी गई थी?
अंग्रेजों ने 1964 में मजदूर आंदोलन करने और देश में आंदोलन करने के कारण उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया था और 27 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी।
नेल्सन मंडेला को कहां सजा दी गई थी?
नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका के रॉबेन आईलैंड पर 27 साल के लिए जेल में बंद किया गया था। उन्हें 12 जुलाई 1964 से 11 फरवरी 1990 तक रॉबेन आईलैंड में जेल में बंद रखा गया था।
निष्कर्ष
Nelson Mandela के बारे में हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में विस्तार पूर्वक से प्रेरणादायक जानकारी प्रदान की हुई है और हमें उम्मीद है कि नेल्सन मंडेला के जीवन परिचय पर आधारित हमारा यह लेख आप लोगों के लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक साबित हुआ होगा। लेख पसंद आने पर आप इसे अपने दोस्तों के साथ सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले ताकि उन्हें ऐसे ही प्रेरणादायक जीवन परिचय पढ़ने के लिए कहीं और भटकने की बिल्कुल भी आवश्यकता ना हो।